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इले   ॉिन  मैके िनक - CITS




           LCD का िनमा ण (Construction of LCD):
           हम  िलि ड ि  ल बनाने म  दो  ुवीकृ त  ास पीस िफ़ र की आव कता होती है। िजस  ास की  ुवीकृ त लेयर नहीं होती है, उसे एक िवशेष
           ब लक से रगड़ना चािहए जो  ुवीकृ त  ास िफ़ र की सतह पर सू  खांचे बनाएगा। खांचे  ुवीकृ त िफ  के  समान िदशा म  होने चािहए। अब,
            ुवीकृ त  ास के   ुवीकृ त िफ़ र म  से एक पर वायवीय तरल फे ज ि  ल की एक कोिटंग जोड़ ।

           माइ ो ोिपक चैनल पहली लेयर के  अणु को िफ़ र अिभिव ास के  साथ संरे खत करने का कारण बनता है। जब पहली लेयर के  टुकड़े पर सही
           एं गल िदखाई देता है, तो हम   ुवीकृ त िफ  के  साथ कांच का दू सरा टुकड़ा जोड़ना चािहए। पहला िफ़ र वा व म   ुवीकृ त हो जाएगा  ों िक लाइट
           शु आती  ेज म  उस पर पड़ता है।

           इस  कार, लाइट   ेक लेयर से होकर गुजरता है और अणुओं की मदद से अगली लेयर तक िनद  िशत होता है। अणु अपने एं गल से मेल खाने के  िलए
           लाइट के  कं पन के  अपने तल को बदलने की  वृि  रखता है

           जब  काश िलि ड ि  ल स    के  दू र के  छोर तक प ँचता है, तो यह अणु की अंितम परत के  समान कोण पर कं पन करता है।  काश को िडवाइस
           म  तभी  वेश करने िदया जाता है जब  ुवीकृ त  ास की दू सरी परत अणु की अंितम परत से मेल खाती है।
           LCD का काय  (Working of LCD):

           LCD का िस ांत यह है िक जब िलि ड ि  ल अणु पर िवद् युत धारा लगाई जाती है; अणु मुड़ने लगता है। इससे  ुवीकृ त  ास के  अणु से गुजरने वाले
            काश के  कोण म  प रवत न होता है और साथ ही शीष   ुवीकरण िफ़ र के  कोण म  भी प रवत न होता है। LCD के  एक िवशेष  े  से  ुवीकृ त  ास से
           थोड़ा  काश गुजरने िदया जाता है। इस  कार, वह िवशेष  े  अंधेरा हो जाएगा।

           LCD  काश को अव   करने के  िस ांत पर काम करता है। LCD के  पीछे  एक परावित त दप ण की  व ा की जाती है। एक इले  ोड  ेन इंिडयम-
           िटन ऑ ाइड से बना होता है िजसे शीष  पर रखा जाता है और िडवाइस के  िनचले भाग पर एक  ुवीकरण िफ  के  साथ एक  ुवीकृ त  ास भी जोड़ा
           जाता है। LCD का पूरा  े  एक सामा  इले  ोड से िघरा होना चािहए और उसके  ऊपर िलि ड ि  ल पदाथ  होना चािहए।

           नीचे की तरफ आयताकार इले  ोड के  साथ कांच का दू सरा टुकड़ा और ऊपर की तरफ एक और  ुवीकरण िफ । यह  ान रखना चािहए िक दोनों
           टुकड़े समकोण पर रखे गए ह । जब कोई करंट नहीं होता है, तो  काश LCD के  सामने से गुजरता है, यह दप ण  ारा परावित त होगा और वापस उछल
           जाएगा।
           चूंिक इले  ोड एक बैटरी से जुड़ा होता है, इसिलए इससे िनकलने वाला करंट कॉमन-फे ज इले  ोड और आयताकार आकार वाले इले   ोड के  बीच के
           िलि ड ि  ल को खोल देगा। इस  कार,  काश गुजरने से अव   हो जाता है, और वह िवशेष आयताकार  े  खाली िदखाई देता है।

           एलसीडी के  फायदे और हािनयाँ (Advantages and Disadvantages of LCD)

           लाभ (Advantages):
           CRT और LED की तुलना म  LCD कम पावर की खपत करता है।

           LCD म  िड  े के  िलए कु छ माइ ोवाट होते ह  जबिक LED के  िलए कु छ िमल वाट होते ह ।

           LCD कम लागत वाले होते ह ।
           LCD बेहतरीन कं ट ा   दान करता है।

           कै थोड रे  ूब और LED की तुलना म  LCD पतले और ह े  होते ह ।

           LCD के  हािनयाँ (Disadvantages of LCD):

           CRT की तुलना म  थोड़ा महंगा
           दू सरे आयाम के  िलए पोट ल के   प म  काय  नहीं कर सकता

           मोशन  र  भाव से

           हाई  र े श रेट



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                                  CITS : इले   ॉिन  & हाड वेयर - इले   ॉिन  मैके िनक - पाठ 77 - 83
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