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इले ॉिन मैके िनक - CITS
कने र (Connector): यह एक जॉइंट है जो ट परेरी होता है और इसे बार-बार इ ेमाल िकया जा सकता है यानी यह दोबारा इ ेमाल िकया जा
सकता है। कने र के कु छ कार ह :
DNP कने र (DNP connector) - ड ाई नो पॉिलश कने र।
SMA कने र (SMA connector) - सरफे स माउंट एडा र कने र।
कपलर (Coupler): यह एक ऐसा िडवाइस है िजसका उपयोग िस ल को म ी े और डी-म ी े के िलए िकया जाता है। जब िकसी िस ल
को डी-म ी े के िलए कपलर का उपयोग िकया जाता है तो उसे कॉ नर के प म जाना जाता है। कपलर के कई कार ह जैसे:
T-कपलर (T-Coupler) - यह आने वाले िस ल को दो भागों म िवभािजत करता है।
ार (Star) - यह आने वाले िस ल को कई भागों म िवभािजत करता है।
ी पोट कपलर (Three Port Coupler) - यह आने वाले िस ल को दो पाट म िवभािजत करता है। यहाँ, ि न ल स या बीम टर का उपयोग नहीं
िकया जाता है।
ऑि कल के बल को संभालते समय (While Handling Optical Cables)
फाइबर को कभी भी अनकं ट ोल सरफे स ( ोर, आिद) से संपक न करने द , जहाँ उस पर पैर रखा जा सकता है, चेयर के कै र से लुढ़काया जा सकता
है, आिद। ऑि कल फाइबर को संभालते समय नाख़ून और ेलरी का ान रख । स या िफं गर कॉट इस तरह के हािनयाँ को रोक सकते ह , लेिकन
श संवेदनाओं का उपयोग करके हािनयाँ का पता लगाने की मता को भी सीिमत करते ह
फाइबर-ऑि क के बल को कभी भी कने र से ी प से न लटकाएँ ।
फाइबर-ऑि क के बल को उनके ूनतम ब ड रेिडयस से परे मोड़ने से बच । फाइबर-ऑि क के बल को कु छ इंच ास से छोटे आक म मोड़ने से के बल
को हािनयाँ प ँच सकता है और ऐसी सम ाएँ हो सकती ह िजनका िनदान करना मु ल होता है।
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CITS : इले ॉिन & हाड वेयर - इले ॉिन मैके िनक - पाठ 94 - 99

