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वे र - CITS


             मेटल  मैके िनकल  टे  ंग  िस ांत,  अनु योग -  हाड नेस   टे  ंग (रॉकवेल  और  ि नेल) -  इ ै

             टे  ंग (ज़ोड और चारपी) - ट  िसल टे  ंग  और ब ड टे  करना (Mechanical Testing of Metals.
             Principles, Applications of - Hardness testing (Rockwell and Brinell) - Impact testing
             (Izod and Charpy) - Tensile testing and Bend Test)

           उ े  : इस पाठ के  अंत म  आप यह जान सक  गे
           •  मेटल के  मैके िनकल टे  ंग का वण न कर
           •  हाड नेस टे  ंग की  ा ा कर
           •  इ ै  टे  ंग की  ा ा कर ।


           1  प रचय (Introduction): मैके िनकल गुण वे ह  जो िकसी मटे रयल की मैके िनकल श   और उसे उपयु  आकार म  ढालने की  मता को
               भािवत करते ह । कु छ िविश  यांि क गुण अंत र  और ऑटोमोबाइल उ ोगों म  ब त बड़े अनु योग िदखाते ह । ये गुण मैके िनकल बलों और भार
              का रेिज  स करने की मटे रयल की  मता से जुड़े ह  और उ   बल के  अधीन होने पर मटे रयल के   वहार के  संदभ  म  मापा जाता है। मैके िनकल
              गुणों को इंजीिनयर के  िलए िडज़ाइन डेटा  दान करने या रॉ मटे रयल के  मानक की जाँच के  िलए िनधा  रत िकया जा सकता है

              1  मैके िनकल गुणों को ऊ ा उपचार  ि या और काय  तापमान  ारा बदला जा सकता है। अिधकतर, धातु िनमा ण  ि या के  बाद सामि यों की
                 ताकत, कठोरता और कठोरता को मापा जाना चािहए

              2  पेपर का मु  उ े  मटे रयल के  मैके िनकल गुणों, टे  ंग के  मह  का अवलोकन देना है। इस पेपर म  ताकत,  ा  िसटी, लचीलापन,
                 कठोरता, लोच, भंगुरता, लचीलापन, कठोरता, लचीलापन, थकान, र गना की अवधारणाएँ  शािमल ह  और िदखाया गया है िक गुणों की अनुिचत
                 समझ कै से  म पैदा कर सकती है। यांि क गुणों की इंजीिनय रंग अवधारणाएँ   ाकृ ितक िव ानों की तुलना म  तकनीकी िव िव ालयों म  िश ण
                 पर हावी ह ।
           2  मैके िनकल गुण प रभाषा (Mechanical Properties Definition): श   और   ेस-  ेस व  मटे रयल की श   से ता य  िकसी मटे रयल
              की बाहरी  प से लगाए गए बलों को िबना टू टे या झुके  रेिज  स करने की  मता से है। अिधकतम तनाव वह होता है िजसे कोई भी मटे रयल
              िवनाशकारी होने से पहले झेल सकती है, उसे उसकी अंितम श   (D) कहा जाता है। Fig 1 तनाव और तनाव के  संबंध को दशा ता है। त ता
              परी ण के  दौरान  ा  मटे रयल के  तनाव और तनाव व  इसकी लचीलापन और उपज श   का वण न करते ह । Fig 1 के  अनुसार, लोचदार सीमा
              तक, मटे रयल की लोच, इसका मतलब है िक मटे रयल अपने मूल आयाम म  वापस आ जाएगी, इसे बनाए रखा जाएगा, इसके  ऊपर  ा  िसटी का
              पालन होगा। एक बार जब मटे रयल अंितम तनाव िबंदु (D) से अिधक हो जाती है, तो स पल पर नेिकं ग शु  हो जाती है। तनाव स  होने को उपज
              िबंदुओं से अंितम त  श   के  बीच रखा जाता है िकसी मटे रयल  ारा िबना िकसी अनाव क िवफलता या िवकृ ित के  भार को सहने की  मता
              को श   के   प म  जाना जाता है और यह  ात है िक िकसी मटे रयल  ारा लगाए गए बल (तनाव, संपीड़न, कतरनी) के   ित िबना िकसी टू ट-फू ट
              के  समान  िति या  दान करने की  मता सरल श ों म  कह  तो श   िव पण के  िलए मटे रयल  ारा अिधकतम रेिज  स है। इसी तरह,  ढ़ता
              त ता बल के  कारण टू टने का िवरोध करने की मटे रयल की  मता है।


             Fig 1

























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                                       CITS :  पूंजीगत सामान & िविनमा ण - वे र - पाठ 83 - 97
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