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इंजीिनय रंग ड ॉइंग - CITS
अ ास 1: वृ , श रेखा और दीघ वृ (Circles, Tangents and Ellipse)
वृ (Circles)
वृ (Circle): वृ एक समतल आकृ ित है जो एक व से िघरा होता है, जो एक िबंदु के िब दुपथ ारा बनता है जो इस कार गित करता है िक यह
हमेशा एक थर िबंदु “क ” से एक िनि त दू री पर रहता है।
ि ा (Radius): वृ पर क से िकसी िबंदु तक की दू री को “ि ा” कहा जाता है।
ास (Diameter): व पर दो िबंदुओं के बीच एक सीधी रेखा की लंबाई, जो क से होकर गुजरती है, उसे “ ास” कहा जाता है। (D: ास या d)
यह ि ा का दोगुना होता है।
प रिध (Circumference): यह संपूण व की रै खक लंबाई है, जो D के बराबर होती है
चाप (Arc): प रिध या प रिध पर िकसी भी दो िबंदुओं के बीच वृ का एक भाग ‘चाप कहलाता है।
जीवा (Chord): चाप के िसरों को जोड़ने वाली एक सीधी रेखा को जीवा कहा जाता है। (वृ की सबसे लंबी जीवा ास होती है)
खंड (Segment): चाप और जीवा से िघरा वृ या े का एक भाग वृ का खंड होता है।
ि खंड (Sector): यह एक वृ का वह भाग है जो दो ि ाओं (ि ा का ब वचन) से िघरा होता है जो एक कोण और एक चाप पर िमलते ह ।
चतुभु ज (Quadrant): एक वृ का वह भाग िजसकी ि ाएँ एक दू सरे के साथ 90° बनाती ह , चतुभु ज (वृ का एक चौथाई) कहलाता है। वृ के आधे
भाग को अध वृ कहते ह ।
श रेखा (Tangent): वृ की श रेखा एक सीधी रेखा होती है जो वृ को एक िबंदु पर छू ती है। िव ा रत होने पर यह वृ को काटती या उससे
होकर नहीं गुजरती। वह िबंदु जहाँ श रेखा वृ को छू ती है उसे “ श रेखा िबंदु” कहते ह । क को श रेखा िबंदु से जोड़ने वाली रेखा और श रेखा
के बीच का कोण हमेशा 90° होता है।
Fig 1 म उपरो सभी त िदखाए गए ह ।
संक ि त वृ (Concentric circles): जब दो या अिधक वृ (खींचे गए) िजनका क समान होता है, उ संक ि त वृ कहते ह । बॉल बेय रंग संक ि त
वृ ों का सबसे अ ा उदाहरण है। (Fig 2)
Fig 1 Fig 2
उ े ीय वृ (Eccentric circles): एक वृ के भीतर लेिकन अलग-अलग के ों वाले वृ उ े ीय वृ कहलाते ह । (Fig 3)
दीघ वृ के त (Elements of an ellipse) (Fig 4)
Fig 3 Fig 4
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