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इले ीिशयन - CITS
इसे सुिवधाजनक बनाने के िलए हाथ जनरेटर ारा उ ािदत DC को करंट रवस र के मा म से AC म बदल िदया जाता है। इले ोड के मा म से
ावत करंट गुजरने के बाद, माप एक ओममीटर ारा िकया जाना चािहए िजसके िलए DC स ाई की आव कता होती है।
उपकरण के बाहर ावत वो ेज ड ॉप को अंदर वो ेज ड ॉप म बदलने के िलए, एक समकािलक रोटरी रे फायर का उपयोग िकया जाता
है (Fig 2)
कभी-कभी माप के दौरान मीटर की सुई कं पन करती है, ों िक उ आवृि के समान आवृि की बल ावत करंटएं माप प रपथ म वेश कर
जाती ह ।
ऐसे मामलों म उपकरण के ह डल की घूण न ीड को बढ़ाया या घटाया जा सकता है। आम तौर पर इन उपकरणों को इस तरह से िडज़ाइन िकया जाता
है िक रीिडंग पर तेज करंटओं या इले ोलाइिटक emf का कोई भाव न पड़े।
अथ रेिज स माप की िविध (Method of earth resistance measurement): अथ इले ोड रेिज स को मापने के िलए, अथ इले ोड को
अिधमानतः इं ालेशन से िड ने िकया जाता है। िफर दो ाइ (वत मान और दबाव ाइ ) को परी ण के तहत मु इले ोड से मशः
25 m और 12.5 m की दूरी पर एक सीधी रेखा म जमीन म चलाया जाना चािहए। दबाव और वत मान ाइ और मु इले ोड को उपकरण से
जोड़ा जाना चािहए (Fig 1)
अथ टे र को ैितज प से रखा जाना चािहए और इसे िनधा रत गित (सामा तः 160 r.p.m.) पर घुमाया जाना चािहए। परी ण के तहत इले ोड का
रेिज स सीधे कै िल ेटेड डायल पर पढ़ा जाता है। सही माप सुिनि त करने के िलए, ाइ को परी ण के तहत इले ोड के चारों ओर एक अलग
थान पर रखा जाता है, िजससे दू री पहले रीिडंग के समान ही रहती है। इन रीिडंग का औसत इले ोड का अथ रेिज स है।
I.e. अिथ ग से संबंिधत िनयम (I.e. rules pertaining to earthing)
अिथ ग का काम आम तौर पर भारतीय िवद् युत िनयम 1956 की आव कताओं के अनुसार िकया जाएगा, िजसे समय-समय पर संशोिधत िकया जाता
है, और संबंिधत िवद् युत स ाई ािधकरण के ासंिगक िनयम। िन िल खत भारतीय िवद् युत िनयम िवशेष प से िस म और उपकरण अिथ ग दोनों
पर लागू होते ह : 32,51,61,62,67,69,88(2) और 90।
भारतीय िवद ् युत िनयम, 1956 से उ रण (Extracts from Indian Electricity Rules, 1956)
िनयम सं ा 32: भूस िक त तथा भूस िक त ूट ल कं ड रों की पहचान तथा उनम चों और कट-आउट की थित।(Rule no. 32:
Identification of earthed and earthed neutral conductors and position of switches and cut-outs therein.)
जहां कं ड रों म दो-तार िस म का अथ -स िक त कं ड र या ब -तार िस म का अथ -स िक त ूट ल कं ड र या ऐसा कं ड र शािमल है िजसे
उससे जोड़ा जाना है, वहां िन िल खत शत का अनुपालन िकया जाएगा।
1 थायी कृ ित का संके त अथ ड या अथ ड ूट ल कं ड र के ामी या उससे जुड़े कं ड र ारा दान िकया जाएगा, तािक ऐसे कं ड र को िकसी
भी लाइव कं ड र से अलग िकया जा सके । ऐसा इंिडके शन दान िकया जाएगा :
a जहां अथ ड या अथ ड ूट ल कं ड र स ायर की संपि है, स ाई के आरंभ िबंदु पर या उसके िनकट
b जहां उपभो ा के िस म का िह ा बनने वाले कं ड र को स ायर के अथ ड या अथ ड ूट ल कं ड र से उस िबंदु पर जोड़ा जाना है जहां
ऐसा कने न बनाया जाना है।
2 अथ ड या अथ ड ूट ल कं ड र और लाइव कं ड र पर एक साथ काम करने के िलए व थत िलं ड- च के अलावा कोई कट-आउट, िलंक या
च दो-तार िस म के िकसी भी अथ ड या अथ ड ूट ल कं ड र म या िकसी म ी-वायर िस म के िकसी भी अथ ड या अथ ड ूट ल कं ड र
म या उससे जुड़े िकसी भी कं ड र म िन िल खत अपवादों के साथ डाला या डाला नहीं जाएगा :
a टे ंग उ े ों के िलए एक िलंक या
b जनरेटर या ट ांसफाम र को क ोिलंग करने म उपयोग के िलए एक च।
िनयम सं ा 51: म म, उ या अित र उ वो ेज ित ानों पर लागू ावधान (Rule no.51: Provisions applicable to medium,
high or extra high voltage installations)
इं ालेशन को घेरने, सहारा देने या उससे जुड़े सभी धातु के काम, कं ड र के प म काम करने के िलए िडज़ाइन िकए गए काम के अलावा, यिद
िनरी क ारा आव क समझा जाए, तो उ अथ से जोड़ा जाएगा।
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CITS : पावर - इले ीिशयन & वायरमैन - पाठ 20 - 25

