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इले  ीिशयन - CITS




           or, e = N (Ø2 -Ø1)volt

           t

           उपरो  अिभ    को इसके  िवभेदक  प म  रखने पर, हम  यह  ा  होता है
           e =d (NØ) =N dØ

           dtdt
           आमतौर पर दाएं  हाथ की अिभ    को एक माइंस िच  िदया जाता है, जो इस त  को दशा ता है िक  े रत emf , धारा को ऐसी िदशा म  सेट करता
           है िक इसके   ारा उ   चुंबकीय  भाव इसे उ   करने वाले कारण का िवरोध करता है (ले ज़ के  िनयम के  अनुसार)

           - N dvoltdt
            े रत emf और करंट की िदशा (Direction of induced emf & current)

            े रत िवद् युत वाहक बल/धारा की िदशा िन िल खत दो िनयमों को लागू करके  आसानी से  ात की जा सकती है
            ेिमंग का दायाँ हाथ िनयम (Flemings right hand rule)

           ले ज़ का िनयम (Lenz s law)
            ेिमंग िनयम का उपयोग वहाँ िकया जाता है जहाँ    किटंग के  कारण  े रत emf होता है, अथा त गितशील  प से  े रत emf और ले ज़ का िनयम
           जहाँ यह    िलंके ज  ारा प रवित त होता है, अथा त   थर  प से  े रत emf ।

            ेिमंग का दायाँ हाथ िनयम (Flemings right hand rule)
           यह िनयम बताता है िक, यिद आप अपना दािहना हाथ इस तरह फै लाते ह  िक अंगूठा, तज नी और म मा एक दू सरे से समकोण पर हों। अंगूठा चालक
           की गित की िदशा की ओर, तज नी चुंबकीय  वाह की िदशा की ओर तथा िफर म मा  े रत िवद् युत वाहक बल/धारा की िदशा को इंिगत करती है।

           ले ज़ का िनयम (Lenz s law)
           यह िनयम ले ज़  ारा 1835 म  तैयार िकया गया था। यह िनयम, वा व म , बताता है िक िवद् युत चु कीय  प से  े रत धारा हमेशा ऐसी िदशा म  बहती
           है िक इसके   ारा  थािपत चुंबकीय  े  की ि या इसे उ   करने वाले कारण का िवरोध करती है।

            े रत धारा ऐसी िदशा म   वािहत होगी िक वह उस कारण का ही िवरोध करेगी जो उसे उ   करता है।




















           AC मौिलक (AC Fundamental)

           अ रनेिटंग करंट (Alternating current)
           अ रनेिटंग करंट सिक  ट वह होता है िजसम  करंट  ो की िदशा और आयाम िनयिमत अंतराल पर बदलते रहते ह । AC सोस  की  ुवता िनयिमत
           अंतराल पर बदलती रहती है, िजसके  प रणाम  प सिक  ट करंट  ो उलट जाता है। अ रनेटर करंट आमतौर पर मान और िदशा दोनों म  बदलता
           है। करंट शू  से कु छ अिधकतम मान तक बढ़ता है और िफर एक िदशा म   वािहत होने पर वापस शू  पर आ जाता है। यही पैटन  िफर दोहराया जाता
           है  ों िक यह िवपरीत िदशा म   वािहत होता है। एसी अ रनेटर  ारा उ ािदत होता है।





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                                        CITS : पावर - इले  ीिशयन & वायरमैन - पाठ 26 - 29
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