Page 190 - CITS - Electrician - TT (Volume 1) - Hindi
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इले ीिशयन - CITS
Fig 2 इस फे जर जोड़ को उस थित के िलए िदखाता है जहाँ भार संतुिलत ह और धाराएँ बराबर ह । प रणाम यह है िक ूट ल रेखा lN म धारा शू है।
इसिलए, संतुिलत लोड के िलए ूट ल कं ड र कोई धारा नहीं ले जाता है।
ूट ल कं ड र की अिथ ग (Earthing of neutral conductor): वािण क और घरेलू उपभो ाओं को िवद् युत ऊजा की स ाई ी -फे ज
इले िसटी का एक मह पूण अनु योग है। ‘कम वो ेज िवतरण के िलए - सबसे सरल मामले म , i.e इमारतों को काश और िबजली की स ाई
- दो आव कताएं ह ।
1 महंगे कं ड र मटे रयल को बचाने के िलए उ तम संभव वो ेज पर लेिकन कम करंट के साथ काम करने वाले कं ड र का उपयोग करना
वांछनीय है।
2 सुर ा कारणों से, कं ड र और अथ के बीच वो ेज 250V से अिधक नहीं होना चािहए।
मानदंड 2 के अनुसार वो ेज िवतरण िस म, के वल 250 V से कम लाइन वो ेज के साथ ही संभव है। हालाँिक, यह मानदंड 1 के िवपरीत है। दू सरी
ओर, ार कने न के साथ, 415V का लाइन वो ेज उपल है। इस मामले म , स ाई लाइन और ूट ल कं ड र के बीच के वल 240V है। मानदंड
(Criterion) 1 संतु है और, 2 का अनुपालन करने के िलए, ूट ल कं ड र को अथ पर रखा गया है।
भारतीय िवद ् युत िनयम (Indian Electricity Rules): I.E. िनयम इस बात पर जोर देते ह िक ूट ल कं ड र को दो अलग-अलग और िविश
कने नों ारा अथ िकया जाना चािहए। िनयम सं ा 61(1)( (a), िनयम सं ा 67(1)( (a) और िनयम सं ा 32 उपभो ा के प रसर म स ाई शु
करने के िबंदु पर ूट ल की पहचान पर जोर देते ह , और ूट ल कं ड र म कट आउट या िलंक के उपयोग को भी रोकते ह । BIS ूट ल को अथ करने
की िविध िनधा रत करता है। (IS 3043-1966 का कोड सं ा 17.4)
ूट ल कं ड र का ॉस-से नल े (Cross-sectional area of neutral conductor): 3- फे ज, 4- वायर िस म म ूट ल कं ड र का
ॉस-से न छोटा होना चािहए। (स ाई लाइनों के ॉस-से न का आधा)।
Fig 1 Fig 2
दो फे ज िस म (Two phase system)
दो िवद् युत प से इ ुलेटेड वाइंिडंग को एक समान चुंबकीय े म 90 िड ी िवद् युत दू री पर रखा जाता है।
यिद वाइंिडंग को िनरंतर कोणीय वेग से घुमाया जाता है, तो उ EMF म 90 िड ी का फे ज अंतर होगा।
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CITS : पावर - इले ीिशयन & वायरमैन - पाठ 26 - 29

