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िफटर - CITS



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           पाठ 1 :  ाथिमक िचिक ा एवं सुर ा सावधािनयां (First-Aid & Safety Precautions)



            उ े
           इस पाठ के  अंत म  आप यह जान सक  गे
           •   ाथिमक िचिक ा के  मह  को समझाएँ
           •  काय शाला म  सुर ा और सुर ा संबंधी सावधािनयों के  मह  को बताएँ
           •  बेिसक लाइफ सेिवंग टे  क और CPR  ि या को समझाएँ ।

             ाथिमक िचिक ा (First-Aid)



























            ाथिमक िचिक ा को गंभीर  प से घायल या बीमार     को दी जाने वाली त ाल देखभाल और सहायता के   प म  प रभािषत िकया जाता है,
           िजसका मु  उ े  जीवन बचाना,   थित को और िबगड़ने या चोट लगने से बचाना, पीिड़तों को सुरि त  थानों पर ले जाने की योजना बनाना, उ
           यथासंभव सव  म सुिवधा  दान करना और अंत म  सभी उपल  साधनों के  मा म से उ   िचिक ा स टर/हॉ  टल तक प ँचाने म  मदद करना है।
           यह प ँच के  भीतर उपल  सभी संसाधनों का उपयोग करके  एक त ाल जीवन र क  ि या है।
            ू लों, कॉलेजों, उ ोग  र पर  वेश िबंदु पर कम उ  के  ब ों को सं थागत िश ण के  मा म से  ान और कौशल  दान करना अब ब त मह
           िदया जाता है। कम उ  म  ऐसी आदत  डालने से लोगों म  अ ी  ा  संबंधी आदत  िवकिसत करने म  मदद िमलती है।

            ाथिमक िचिक ा  ि या म  अ र सरल और बुिनयादी जीवन र क तकनीक   शािमल होती ह  िज       उिचत ट ेिनंग और  ान के  साथ करता है।
            ाथिमक िचिक ा के  मु  उ े ों को तीन मु  िबंदुओं म  सं ेिपत िकया जा सकता है:
           •  जीवन की र ा कर  (Preserve life): यिद रोगी साँस  ले रहा था, तो  ाथिमक उपचारकता  सामा   प से उसे  रकवरी पोजीशन म  रखेगा,
              िजसम  रोगी अपनी तरफ झुका  आ होगा, िजससे  सनी से जीभ साफ हो जाएगी। यह बेहोश रोिगयों म  मृ ु के  एक सामा  कारण से भी बचाता
              है, जो िक पेट की साम ी के  कारण दम घुटना है। वायुमाग   सनी या  रयं  म  िकसी िवदेशी व ु के  फं स जाने से भी अव   हो सकता है, िजसे
              आमतौर पर घुटन कहा जाता है।  ाथिमक उपचारकता  को ‘पीठ पर थ ड़  और ‘पेट पर जोर  के  संयोजन के  मा म से इससे िनपटना िसखाया
              जाएगा। एक बार वायुमाग  खुल जाने के  बाद,  ाथिमक उपचारकता  यह देखने के  िलए मू ांकन करेगा िक रोगी साँस  ले रहा है या नहीं।
           •  आगे की हािन को रोक   (Prevent further harm): इसे कभी-कभी   थित को िबगड़ने से रोकना या आगे की चोट के  खतरे को रोकना भी कहा
              जाता है, इसम  बाहरी कारक, जैसे िक रोगी को िकसी भी नुकसान के  कारण से दू र ले जाना, और   थित को िबगड़ने से रोकने के  िलए  ाथिमक
              उपचार टे  क को लागू करना, जैसे िक र  ाव को खतरनाक बनने से रोकने के  िलए दबाव डालना, दोनों शािमल ह ।

           •   रकवरी को बढ़ावा देना (Promote recovery):  ाथिमक उपचार म  बीमारी या चोट से  रकवरी  ि या शु  करने की कोिशश करना भी
              शािमल है, और कु छ मामलों म  उपचार पूरा करना शािमल हो सकता है, जैसे िक एक छोटे घाव पर  ा र लगाने के  मामले म ।



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