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मैके िनक डीजल - CITS




           ई-वे  का मह  (Significance of e-waste): ई-वे  या इले  ॉिनक वे  तब बनता है जब िकसी इले  ॉिनक उ ाद को उसके  उपयोगी जीवन
           की समा   के  बाद  ाग िदया जाता है।  ौ ोिगकी के  तेजी से िव ार और उपभोग से  े रत समाज के  प रणाम  प ब त बड़ी मा ा म  ई-वे
           पैदा होता है। “वे ” श  उस अवशेष या साम ी के  िलए आरि त है िजसे खरीदार  ारा पुनच ि त करने के  बजाय फ  क िदया जाता है, िजसम  पुन:
           उपयोग और पुनच  ण काय  से अवशेष शािमल ह ,  ों िक अिधशेष इले  ॉिन  का भार अ र एक साथ िमल जाता है (अ ा, पुनच  ण यो  और
           गैर-पुनच  ण यो )। कई साव जिनक नीित अिधव ा “ई-वे ” और “ई- ै प” श  को  ापक  प से सभी अिधशेष इले  ॉिन  पर लागू करते ह ।
           कै थोड रे  ूब (CRT) को पुनच  ण के  िलए सबसे किठन  कारों म  से एक माना जाता है।

           दू सरी ओर, िवकास के  िलए ICT को मापने पर भागीदारी ई-वे  को छह  ेिणयों म  प रभािषत करती है, अथा त्: (1) तापमान िविनमय उपकरण (जैसे,
           एयर कं डीशनर,  ीजर), (2)  ीन, मॉिनटर (जैसे, TV, लैपटॉप), (3) ल प (जैसे, एलईडी ल प), (4) बड़े उपकरण (जैसे, वॉिशंग मशीन, इले   क  ोव),
           (5) छोटे उपकरण (जैसे, माइ ोवेव, इले   क शेवर), और (6) छोटे LED और दू रसंचार उपकरण (जैसे, मोबाइल फोन, ि ंटर)।   ेक  ेणी के  उ ाद
           अ  अंतरों के  अलावा दीघा यु  ोफ़ाइल,  भाव और सं ह िविधयों म  िभ  होते ह ।

           CRTs म  सीसा और फॉ ोरस (फॉ ोरस से  िमत न हों) की अपे ाकृ त उ  सां ता होती है, जो दोनों ही िड  े के  िलए आव क ह । इन CRT
           िडवाइस को अ र DLP  रयर  ोजे नTV, के  बीच  िमत िकया जाता है, िजनम  से दोनों की साम ी के  कारण एक अलग रीसाइ  ंग  ि या होती है।

           इले  ॉिनक वे  (काम करने वाले और पुन:  यो  लैपटॉप, डे टॉप और रैम जैसे घटक) के  कं  ूटर रीसाइ  ंग उपसमूह का उ  मू  िड  े
           िडवाइस के  साथ  ा  की जा सकने वाली तुलना म  बड़ी सं ा म  बेकार टुकड़ों के  प रवहन की लागत का भुगतान करने म  मदद कर सकता है, िजनका
            ै प मू  कम (या नकारा क) होता है। 2011 की एक  रपोट  म , “घाना ई-वे  कं ट ी असेसम ट ने पाया िक घाना म  आयात िकए गए 215,000 टन
           इले  ॉिन  म  से 30% िब ु ल नए थे और 70% इ ेमाल िकए गए थे। उपयोग िकए गए उ ाद म  से, अ यन ने िन ष  िनकाला िक 15% का दोबारा
           इ ेमाल नहीं िकया गया था और उसे  ै प या  ाग िदया गया था। यह  कािशत लेिकन िबना  ेय के  दावों के  िवपरीत है िक घाना म  आयात िकए गए
           80% सामानों को आिदम प र  ितयों म  जलाया जा रहा था।
           ई-वे  को दुिनया म  “सबसे तेजी से बढ़ने वाला वे   वाह माना जाता है, जो 2016 म  44.7 िमिलयन टन उ    आ था, जो 4500 एिफल टावरों के
           बराबर है। 2018 म , अनुमािनत 50 िमिलयन टन ई-वे  की सूचना दी गई थी, इसिलए संयु  रा      ारा इसे ‘ई-वे  की सुनामीʼ नाम िदया गया था।
           इसका मू  कम से कम $62.5 िबिलयन सालाना है।  ौ ोिगकी म  तेजी से बदलाव, मीिडया म  बदलाव (टेप, सॉ वेयर, MP3), िगरती कीमत  और
           िनयोिजत अ चलन के  कारण दुिनया भर म  इले  ॉिनक वे  का अिधशेष तेजी से बढ़ रहा है। तकनीकी समाधान उपल  ह , लेिकन अिधकांश मामलों
           म , तकनीकी समाधान लागू करने से पहले एक कानूनी ढांचा, सं ह, रसद और अ  सेवाओं को लागू करने की आव कता होती है।

           िड  े यूिनट (CRT, LCD, LED मॉिनटर),  ोसेसर (CPU, GPU, या APU िच ), मेमोरी (DRAM या SRAM), और ऑिडयो घटकों का उपयोगी जीवन
           अलग-अलग होता है।  ोसेसर अ र पुराने हो जाते ह  (सॉ वेयर के  अब ऑि माइज़ न होने के  कारण) और “ई-वे ” बनने की अिधक संभावना होती
           है, जबिक िड  े यूिनट को अ र मर त के   यासों के  िबना काम करते समय बदल िदया जाता है, जो िक नई िड  े तकनीक के  िलए अमीर देशों
           की भूख म  बदलाव के  कारण होता है। इस सम ा को मॉ ूलर  ाट फ़ोन (जैसे फ़ोनबुक अवधारणा) के  साथ संभािवत  प से हल िकया जा सकता है।
           इस  कार के  फ़ोन अिधक िटकाऊ होते ह  और इनम  फ़ोन के  कु छ िह ों को बदलने की तकनीक होती है, िजससे वे पया वरण के  िलए अिधक अनुकू ल
           बन जाते ह । फ़ोन के  टू टे  ए िह े को आसानी से बदलने म  स म होने से ई-वे  कम हो जाएगा।

           2006 म , संयु  रा     ने अनुमान लगाया था िक दुिनया भर म  हर साल फ   के  जाने वाले इले  ॉिनक वे  की मा ा 50 िमिलयन मीिट क टन है। UNEP
           की एक  रपोट  के  अनुसार, पुनच  ण - ई-वे  से संसाधनों तक,” कु छ देशों जैसे भारत म  अगले दशक म  उ ािदत ई-वे  की मा ा - िजसम  मोबाइल
           फोन और कं  ूटर शािमल ह  - 500  ितशत तक बढ़ सकती है। संयु  रा  अमे रका इले  ॉिनक वे  के  उ ादन म  दुिनया म  अ णी है, जो हर
           साल लगभग 3 िमिलयन टन फ  कता है। चीन पहले से ही घरेलू  र पर लगभग 2.3 िमिलयन टन (2010 अनुमान) का उ ादन करता है, जो संयु
           रा  अमे रका के  बाद दू सरे  ान पर है। और, ई-वे  के  आयात पर  ितबंध लगाने के  बावजूद। चीन िवकिसत देशों के  िलए एक  मुख ई-वे  डंिपंग
            ाउंड बना  आ है।

           आईफोन के  आिव ार के  बाद से, सेल फोन ई-वे  के  उ ादों का शीष   ोत बन गए ह   ों िक वे दो साल से अिधक समय तक चलने के  िलए नहीं बने
           ह । िवद् युत वे  म  खतरनाक लेिकन मू वान और दुल भ साम ी भी होती है। जिटल इले  ॉिन  म  60 त  तक पाए जा सकते ह ।
           जबिक इस बात पर सहमित है िक  ागे गए इले  ॉिनक उपकरणों की सं ा बढ़ रही है, सापे  जो खम (उदाहरण के  िलए ऑटोमोबाइल  ै प की
           तुलना म ) के  बारे म  काफी असहमित है, और इस बात पर भी तीखी असहमित है िक  ा इ ेमाल िकए गए इले  ॉिन  म   ापार को कम करना
           प र  ितयों को बेहतर बनाना या उ   बदतर बनाना।



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                                         CITS : ऑटोमोिटव - मैके िनक डीजल - पाठ 01 - 04
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