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इले ीिशयन - CITS
व था नहीं होती है जैसा िक िच म िदखाया गया है। जब लोहे या ील को चुंबिकत िकया जाता है, तो ेक अणु को अपने समूहों को तोड़ने और
अपने उ री ुव को एक तरफ और दि णी ुव को दू सरी तरफ व थत करने के िलए मजबूर िकया जाता है। इस तरह छड़ का एक छोर उ री ुव
और दू सरा छोर दि णी ुव बन जाता है।
• चुंबकीय पदाथ का ेक अणु एक पूण चुंबक होता है।
• अचु कीय पदाथ म आ क चु क अिनयिमत प से व थत होते ह ।
• इसिलए उनम से िकसी एक का चुंबकीय भाव उसके पड़ोसी ारा र कर िदया जाता है।
• इसिलए पूरी छड़ कोई शु चुंबकीय गुण दिश त नहीं करती है।
• जब पदाथ को चुंबिकत िकया जाता है, तो सभी छोटे आणिवक चुंबक समानांतर रेखाओं म व थत हो जाते ह
• जब पदाथ को गम िकया जाता है या हथौड़ा मारा जाता है, तो आणिवक चुंबकों को गितज ऊजा िमलती है और सीधी रेखा गड़बड़ा जाती है, िजससे
चुंबकीय गुण ख हो जाता है।
• चुंबक का आणिवक िस ांत वेबर ारा िदया गया था और इिवंग ारा संशोिधत िकया गया था।
चुंबकीय े (Magnetic field)
चुंबक के चारों ओर का वह थान िजसम चुंबकीय ुव पर बल लगता है, चुंबकीय े कहलाता है। चुंबकीय े ुव के पास सबसे मजबूत होता है और
जैसे-जैसे हम चुंबक से दू र जाते ह , यह कम होता जाता है।
चुंबकीय बल रेखाएँ (Magnetic lines of force)
चुंबक के चारों ओर चुंबकीय े को का िनक रेखाओं ारा दशा या जाता है, िज चुंबकीय बल रेखाएँ कहते ह । चुंबकीय बल रेखाएँ चुंबक के N- ुव
से िनकलती ह , आस-पास के मा म से गुज़रती ह और S- ुव म िफर से वेश करती ह । चुंबक के अंदर ेक रेखा S- ुव से N- ुव तक जाती है।
चुंबकीय बल रेखाओं के गुण (Properties of magnetic lines of force)
1 चुंबकीय बल रेखाएँ उ री ुव से शु होकर दि णी ुव पर समा होती ह ।
2 वे चुंबक के शरीर म िनरंतर चलती ह
3 चुंबकीय बल रेखाएँ हवा की तुलना म लोहे से अिधक आसानी से गुजर सकती ह ।
4 दो चुंबकीय बल रेखाएँ एक दू सरे को नहीं काटती ह ।
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CITS : पावर - इले ीिशयन & वायरमैन - पाठ 26 - 29

