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इले  ीिशयन - CITS





























































           RLC समानांतर सिक  ट-अनुनाद पर (RLC Parallel circuit-at resonance)

           एक आदश  समानांतर (ideal paralle) अनुनाद सिक  ट पर िवचार कर ,

           इसम  आदश   ितरोध रिहत  ेरक एक आदश  इ ुलेटर के  साथ समानांतर जुड़ा होता है। जब लागू वो ेज की आवृि  ऐसी होती है िक xl=xc तो यह
           समानांतर अनुनाद सिक  ट बन जाता है। इसका मतलब है िक संधा र  ठीक उसी समय िड चाज  होता है जब कॉइल को अपना चुंबकीय  े  बनाने के
           िलए करंट की आव कता होती है। ऐसा इसिलए होता है  ों िक दोनों  ारा खींची गई धारा के  बीच 1800 का अंतर होता है। स ाई  ारा खींची गई
           धारा शू  होती है (ideal case) और सिक  ट , सिक  ट को अिधकतम  ितबाधा  दान करता है
           अनुनाद पर,

                 XL= XC

                 Z  = R (maximum)
                 I   = minimum








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                                        CITS : पावर - इले  ीिशयन & वायरमैन - पाठ 26 - 29
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